*जिस दिन हम ये समझ जायेंगे कि* *सामने वाला गलत नहीं है सिर्फ* *उसकी सोच हमसे अलग है* *उस दिन जीवन से* *दुःख समाप्त हो जायेंगे* *"बड़प्पन" वह गुण है जो पद से नहीं* *"संस्कारों" से प्राप्त होता है।*
*" मनचाहा " बोलने के लिए ,* *" अनचाहा " सुनने की ताकत होनी चाहिए l* *मै दीपक हूँ, मेरी दुश्मनी तो* *सिर्फ़ अंधेरे से है,,,,* *हवा तो बेवजह ही मेरे* *ख़िलाफ़ है!* *हवा से कह दो कि खुद को* *आज़मा के दिखाए,,,,,,* *बहुत दीपक बुझाती है,* *एक जला के दिखाए !!
🥀🌿🌹🌹🍂🌹🌹🌿🥀 *कल एक झलक ज़िंदगी को देखा,* *वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी,* *फिर ढूँढा उसे इधर उधर* *वो आँख मिचौली कर* *मुस्कुरा रही थी,* *एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार,* *वो सहला के मुझे सुला रही थी* *हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से* *मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी,* *मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया* *कमबख़्त तूने,* *वो हँसी और बोली- मैं ज़िंदगी हूँ.......* _*तुझे जीना सिखा रही थी.....* ¸.•*""*•.¸ .........✍
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